New Criminal Laws
New Criminal Laws:एक जुलाई से देश में आईपीसी सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून- भारतीय न्याय संहिता (BNS) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। एक जुलाई की तारीख शुरू होने के बाद सभी पुराने कानून घटित हुए सभी अपराध नए कानून में दर्ज किए जा रहे हैं। किस धारा में कौन-सा अपराध दर्ज होगा यहां पढ़िए
शादीशुदा महिला को बहलाना-फुसलाना अपराध है, लेकिन जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। ऐसे ही अब हत्या के लिए धारा 302, धोखाधड़ी करने पर धारा 420 और दुष्कर्म के मामले में धारा 376 में केस दर्ज नहीं होगा। दरअसल, एक जुलाई से देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून- भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। रविवार रात 12 बजे से यानी एक जुलाई की तारीख शुरू होने के बाद घटित हुए सभी अपराध नए कानून में दर्ज किए जा रहे हैं।
सवाल ये हैं कि अगर हत्या का मामला 302, धोखाधड़ी का 420 और रेप का 376 में दर्ज नहीं होगा तो किस धारा में दर्ज होगा? नए आपराधिक कानून लागू होने से देश में क्या बदलाव आए है? ऐसे ही सभी सवालों के जवाब यहां पढ़िए…
BNS यानी भारतीय न्याय संहिता मेंए कानून में दर्ज ?
अपराध | आईपीसी की धारा | बीएनएस की धारा | सजा |
हत्या | 302 | 103 | मृत्यु या उम्रकैद और जुर्माना। |
लापरवाही से मौत | 304-A | 106 | 5 साल की सजा और जुर्माना या फिर दोनों। |
दहेज हत्या | 304(B) | 80 | सात साल से उम्रकैद तक की सजा और जुर्माना। |
हत्या का प्रयास | 307 | 109 | पांच साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा और जुर्माना। |
आत्महत्या का प्रयास | 309 | 226 | एक साल की जेल/ जुर्माना/फिर दोनों/सामुदायिक सेवा। |
बाल हत्या | 315 | 91 | साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों। |
दंगा करना | 147 | 191 (2) | दो साल की जेल या जुर्माना/जेल और जुर्माना दोनों। |
छेड़छाड़ | 354 | 74 | एक साल से पांच साल की सजा और जुर्माना। |
यौन उत्पीड़न | 354(A) | 75(2) | तीन साल की कठोर जेल/जुर्माना/फिर दोनों। |
पीछा करना | 354(D) | 75(2) | तीन साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों। |
दुष्कर्म | 376 | 64 | 10 साल की कठोर सजा, जिसे उम्रकैद भी किया जा सकता है और जुर्माना। |
रेप व हत्या/मृतावस्था में पहुंचाना | 376 (A) | 66 | 20 साल का कठोर कारावास जिसे उम्रकैद भी किया जा सकता है और जुर्माना। |
सामूहिक दुष्कर्म | 376(D) | 70 (1) | 20 साल का कठोर कारावास जिसे उम्रकैद भी किया जा सकता है और जुर्माना। |
चोरी | 379 | 303(2) | एक से पांच साल का कठोर कारावास और जुर्माना |
वाहन या घर-पूजा स्थल में चोरी | 380 | 305 | सात साल की सजा और जुर्माना। |
रंगदारी | 384 | 308(2) | गैर-जमानती; सात साल की जेल या जुर्माना या दोनों |
डकैती में हत्या | 396 | 310(3) | 10 साल का कठोर कारावास या उम्रकैद या मृत्युदंड और जुर्माना |
धोखाधड़ी | 420 | 318 | अधिकतम सात साल तक की सजा और जुर्माना/फिर दोनों |
गैर-कानूनी सभा | 141-144 | 187-189 | छह माह तक का कारावास या जुर्माना या दोनों। |
मानहानि | 499 | 356 | दो वर्ष तक जेल या जुर्माने या दोनों |
भारतीय न्याय संहिता में नया क्या है?
- शादी का झांसा देकर यौन शोषण करना अब अपराध है।
- मॉब लिंचिंग के लिए अलग से कानून बनाया गया।
- आतंकवाद को आपराधिक कानूनों में शामिल किया।
- संगठित अपराध -डकैती, चोरी, कब्जा, तस्करी, साइबर क्राइम और रंगदारी के लिए अलग कानून बना।
- सरकारी अधिकारी को ड्यूटी करने से रोकने व सुसाइड का प्रयास करना अब अपराध होगा।
- विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह व भूख-हड़ताल को रोकने के लिए इसको लागू किया जा सकता है।
- नाबालिग से गैंगरेप में फांसी की सजा होगी।
- नाबालिग पत्नी से जबरन संबंध बनाना अब रेप माना जाएगा।
- छोटे अपराधों में अब कम्युनिटी सर्विस की सजा देने का प्रावधान।
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