Kargil War
भारतीय वायु सेना ने Kargil War में गजब का शौर्य प्रदर्शित किया था। समुद्र तल से 16000 फीट की ऊंचाई पर वायु सेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने दुश्मन की कमर तोड़कर रख दी थी। हालांकि, इस पूरे युद्ध में पाकिस्तानी वायु सेना कहीं भी नजर नहीं आई थी।
Islamabad: भारतीय वायु सेना ने कारगिल युद्ध के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। पूरा भारत आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। भारतीय वायु सेना ने इस युद्ध में पाकिस्तान की अपमानजनक हार तय करने में अहम भूमिका निभाई थी। इस युद्ध के दौरान पाकिस्तानी वायु सेना शायद ही कहीं नजर आई। कहा जाता है कि तत्कालीन पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जनरल परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तानी वायु सेना को कारगिल युद्ध में शामिल होने से रोक दिया था। हालांकि, आज कारगिल युद्ध में ऐतिहासिक जीत के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय वायु सेना 12 से 26 जुलाई, 2024 तक वायुसेना स्टेशन सरसावा में कारगिल विजय दिवस रजत जयंती मना रही है।
शहीदों को श्रद्धांजलि भारतीय वायु सेना ने दी
इस समारोह में वायु सेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्टेशन युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। समारोह में, 28 मई, 1999 को पाकिस्तानी स्टिंगर मिसाइल द्वारा उनके MI-17 हेलीकॉप्टर पर हमला किए जाने के बाद युद्ध के दौरान अपनी जान गंवाने वाले चार IAF बहादुरों को मरणोपरांत वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया। चार शहीद अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर आर. पुंडीर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस. मुहिलान, सार्जेंट पीवीएनआर प्रसाद और सार्जेंट आर.के. साहू थे।
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