Russia Army
Indian In Russia Army: रूस सेना मे कार्यरत सभी भारतीयों की भारत वापसी में मदद करने पर सहमत हो गया है। Russia Army यह मुद्दा क्या है? कैसे सामने आया? आइये जानते हैं अब भारत सरकार ने यह मुद्दा कैसे सुलझाया? इसके क्या कूटनीतिक मायने हैं?
पीएम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मास्को पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 से 9 जुलाई तक रूस की आधिकारिक यात्रा पर हैं। अपनी इस यात्रा पर पीएम मोदी सोमवार शाम मॉस्को पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक की। और रूस की सेना में भारतीयों के फंसे होने का मुद्दा उठाया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पुतिन के सामने इस मामले में तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए रूस ने अपनी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को सेना से अलग करने का निर्णय ले लिया है जिसे भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।
![](https://hindustannewss.com/wp-content/uploads/2024/07/jammu-kashmir-security-forces-army-encounter_63970bc719262177341e0c787e5687ee.avif)
रूस की सेना में भारतीयों के फंसे होने का मुद्दा क्या है ?
भारतीयों को अच्छी नौकरी और पढ़ाई का झांसा देकर रूस भेज दिया गया था पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, और भारतीय नागरिक यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने लगे। अब तक कम से कम चार भारतीय नागरिक मारे जा चुके हैं। यही कारण है कि भारत सरकार ने ऐसी भर्ती पर तत्काल रोक लगाने और रूसी सेना में लड़ रहे भारतीयों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा रूस के सामने उठाया।
![](https://hindustannewss.com/wp-content/uploads/2024/07/cbi.avif)
मामला कैसे सामने आया CBI
CBI ने मार्च में बताया था कि इस तरीके से लगभग 35 पुरुषों को ठगा गया। इस साल मे MAY 2024 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने धोखा देकर रूसी सेना में भर्ती कराने वाले मानव तस्करी नेटवर्क से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने कहा था कि इस नेटवर्क से जुड़े लोग युवाओं को आकर्षक नौकरी या विश्वविद्यालय में प्रवेश दिलाने का वादा करके रूस ले जाते थे, ताकि उन्हें यूक्रेन में युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया जा सके।
भारतीय नागरिकों में मई में चार गिरफ्तार किए गए, एक अनुवादक, वीजा प्रक्रिया और एयरलाइन टिकटों की बुकिंग में मदद करने वाले एक व्यक्ति के साथ-साथ केरल और तमिलनाडु के लिए दो ‘मुख्य भर्तीकर्ता’ शामिल थे। युद्ध में मारे गए दो भारतीय व्यक्तियों के परिवारों ने कहा है कि वे सेना में सहायक के रूप में काम करने की उम्मीद से रूस गए थे।
![Russian Army: फर्जी तरीके से रूसी सेना में भर्ती कराए गए भारतीय होंगे 'रिहा', ये हमारी कूटनीतिक जीत क्यों? Russia to release Indians recruited in its army why is this our diplomatic victory](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/07/07/pm-modi-and-russian-president-vladimir-putin_6cc15f338ec1364bb9a2d97f1d119e52.jpeg?w=414&dpr=1.0)
पीएम मोदी का रूस दौरा – फोटो :
क्या रूसी सेना में भारतीय ही फंसे हैं?
भारत के अलावा अन्य दक्षिण एशियाई देशों में भी ऐसे तस्करी नेटवर्कों का खुलासा हुआ है। श्रीलंका ने बुधवार को कहा कि उसके कई सेवानिवृत्त सैनिकों को रूस-यूक्रेन युद्ध मोर्चे पर सेना में सेवा करने के लिए अच्छा वेतन, नागरिकता और अन्य फायदे देने का वादा करके लाया गया था, जिनमें से कुछ भी उन्हें नहीं दिया गया।
वहीं, नेपाल ने कहा है कि कई युवा बेरोजगार नेपालियों को एजेंटों द्वारा अवैध रूप से रूसी सेना में भर्ती किया गया है, जिन्होंने उनसे वीजा के लिए भारी रकम वसूली थी। यही कारण है कि जनवरी में इसने रूस और यूक्रेन के लिए वर्क परमिट जारी करना रोक दिया था। अधिकारियों ने बताया कि अनुमान है कि कम से कम 200 नेपाली रूसी सेना में कार्यरत हैं और लगभग 100 लापता हैं।
![Russian Army: फर्जी तरीके से रूसी सेना में भर्ती कराए गए भारतीय होंगे 'रिहा', ये हमारी कूटनीतिक जीत क्यों? Russia to release Indians recruited in its army why is this our diplomatic victory](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/07/09/matha-oura-patana_bfeddfde40b639be675faa8ab126d2bc.jpeg?w=414&dpr=1.0)
मोदी और पुतिन – फोटो :
अब भारत ने यह मुद्दा कैसे सुलझाया?
भारत ने कई कूटनीतिक प्रयास शुरू किए थे, लेकिन रूस की ओर से औपचारिक आश्वासन मिलना अभी बाकी था। प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा में भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक था।
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रत्येक मामले को रूस के साथ पूरी ताकत से उठाया गया है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि भारत का अनुमान है कि उसके 30 से 40 नागरिक पहले से ही वहां सेवा दे रहे हैं। भारतीय नागरिकों की यथाशीघ्र वापसी के लिए सभी प्रयास किए गए हैं। 10 भारतीयों को पहले ही वापस लाया जा चुका है।
दो दिवसीय रूस यात्रा पर मॉस्को आए प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार शाम राष्ट्रपति पुतिन के साथ निजी रात्रिभोज में यह मुद्दा उठाया। इस पर रूसी राष्ट्रपति अपनी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को सेना से अलग करने और उनकी भारत वापसी में मदद करने पर सहमत हो गए।
नई दिल्ली में स्थित एक स्वतंत्र वैश्विक थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) में छपे एक लेख में बताया गया था कि दोनों नेताओं के बातचीत के एजेंडे में भारतीय सैनिकों का विषय भी होगा। ओआरएफ में विजिटिंग फेलो इवान शेदरोव के मुताबिक, युद्ध में भारतीय नागरिकों की भागीदारी की समस्या को पिछले दिनों भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रेखांकित किया था। इस तरह से सैनिकों समेत अनेक मुद्दों को हल करके दोनों देश लंबे समय के सहयोग के लिए इरादे का प्रदर्शन करते हैं।
Amazon Shopping Now :- Amazon.in
now shopping :- bestseller99.com
+ There are no comments
Add yours