Delhi assembly elections: पार्टी सूत्रों ने बताया कि जदयू और लोजपा को संगम विहार, बुराड़ी, सीमापुरी सहित कुछ मुस्लिम बहुल सीटें दी जा सकती है। दिल्ली में जीत का सूखा खत्म करने के लिए पार्टी पूर्व सांसदों, कद्दावर पार्षदों और वरिष्ठ नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है।
विधानसभा चुनाव की तैयारियों को धार देने के लिए इसी हफ्ते कोर ग्रुप के साथ चुनाव प्रबंध समिति और उम्मीदवार चयन समिति गठित करने की योजना है। भाजपा झारखंड की तर्ज पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी जदयू और लोजपा (आर) के साथ गठबंधन करेगी। पार्टी ने दोनों सहयोगी दलों को तीन से पांच सीटें देने का मन बनाया है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि जदयू और लोजपा को संगम विहार, बुराड़ी, सीमापुरी सहित कुछ मुस्लिम बहुल सीटें दी जा सकती है। दिल्ली में जीत का सूखा खत्म करने के लिए पार्टी पूर्व सांसदों, कद्दावर पार्षदों और वरिष्ठ नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है।हालांकि, यह संख्या पांच से अधिक नहीं होगी। दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल फरवरी में खत्म होना है। ऐसे में अगले साल जनवरी के अंत में विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है।
महाराष्ट्र, झारखंड के बाद दिल्ली का रुख करेंगे आरएसएस के कार्यकर्ता
संघ सूत्रों ने कहा कि फिलहाल उनके कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र और झारखंड में डेरा डाल रखा है। 20 नवंबर को मतदान के बाद सभी कार्यकर्ता दिल्ली का रुख करेंगे। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आरएसएस हरियाणा की तर्ज पर पूरी ताकत झोंकेगा। ऐसे में इस महीने के अंतिम सप्ताह में चुनाव प्रचार में तेजी दिखेगी। संघ की योजना घर-घर संपर्क करने और नुक्कड़ सभाएं करने की है।
प्रवेश वर्मा, विधूड़ी को मौका, मौजूदा विधायकों का कट सकता टिकट
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा और रमेश विधूड़ी को भी विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया जा सकता है। दोनों नेताओं को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था। इसके अलावा कम से कम आठ कद्दावर पार्षद भी चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, मौजूदा विधायकों में से ज्यादातर को टिकट मिलने की संभावना नहीं है।
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